यस बैंक एक परिवार से शुरू होकर देश का (प्राइवेट सेक्टर का) चौथा सबसे बड़ा बैंक बना। बैंक के शेयर लगातार लुढ़कते के कारण आज यस बैंक डूबने की कगार पर है । अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) उसे बचाने के लिए आगे कदम बढ़ाया है। देशभर में यस बैंक की 1000 से ज्यादा ब्रांच है और 1800 के करीब एटीएम हैं।
आखिर इस बैंक की ये हालत क्यों हुई।
जानकारों का कहना है कि यस बैंक अपनी शुरुआती दिनों में काफी तेजी गति से बाजार में उभरा था । लेकिन शेयर बाजार में इसका स्टॉक गिरने के कारण बैंक आज इस हालत में पहुंच गया ।
2008 -2017 तक यस बैंक शेयर बाजार में काफी मजबूत स्थिति में था। यस बैंक के लिए 2018 गोल्डन दिनों की तरह था । उन दिनों बैंक के एक शेयर की कीमत 393 रुपये की ऊंचाई तक पहुंच गई थी।
लेकिन ठीक इसके बाद शेयर लुढ़कने के कारण बैंक की हालत इतनी कमजोर हो गई कि निवेशकों ने बैंक के शेयर बेचने शुरू कर दिए। 5 मार्च, 2020 को यस बैंक के एक शेयर का दाम 20 रुपये से भी कम रह गया।
यस बैंक के साथ ये समस्या क्यों आई ?
यस बैंक ने जिन कंपनीयो को लोन दी थी। उसमे से ज्यादातर बड़ी कम्पनी दिवालिया हो गई । अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप , IL&FS ग्रुप और jet एयरवेज, ये तीन कंपनिया लगभग डूब चुकी है जहाँ यस बैंक का लगभग 6300 करोड़ रुपया फसा है।
बैंक पे RBI ने क्यों लगाई रोक?
आरबीआई ने यस बैंक के निदेशक मंडल को ख़ारिज करते हुए दूसरा प्रशासक नियुक्त कर दिया। केंद्रीय बैंक ने बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये निकासी सीमा तय कर दी है।
RBI का बैंक पे रोक लगाने का कारण ये था कि बैंक मेसेजिंग सॉफ्टवेयर स्विफ्ट के नियमों का पालन नहीं कर रहा थी । इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल बैंक लेनदेन के लिए किया जाता है।